8 Indian Navy Officers Sentenced to Death in Qatar : कतर की एक अदालत ने गुरुवार को 8 भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई है। इन अधिकारियों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है।
भारत सरकार ने इस फैसले पर हैरानी जताई है और कहा है कि वह कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है।
8 Indian Navy Officers Sentenced to Death in Qatar: भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, भारतीय नौसेना के इन आठ पूर्व अधिकारियों पर इजरायल के लिए पनडुब्बी कार्यक्रम की जासूसी करने का आरोप है।
इन अधिकारियों पर कतर के पनडुब्बी प्रोजेक्ट से जुड़ा डेटा इजराइल को देने का आरोप है।
सुनकर मन दुःखी है , कतर में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को फाँसी सजा सुनाई गई है (8 ex Indian Navy officers sentenced to death in Qatar). सभी अधिकारियों पर जासूसी के आरोप लगे थे. इन्हें अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था. हमारी सरकार की ज़िम्मेवारी थी, क़ानून की लड़ाई… pic.twitter.com/YpbG2boJFR
— Shaktisinh Gohil MP (@shaktisinhgohil) October 26, 2023
ये सभी देहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टिंग सर्विसेज के लिए काम करते थे, जो कतर में परियोजनाओं पर सलाह दे रही थी। इसका उद्देश्य उच्च तकनीक वाली इतालवी निर्मित पनडुब्बियों का अधिग्रहण करना था जो रडार की पकड़ से बच सकें।
कतर की अदालत ने कहा है कि इन अधिकारियों ने कतर की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला है।
भारत सरकार ने कहा है कि वह इन अधिकारियों के परिवारों के साथ संपर्क में है और उन्हें कानूनी सहायता प्रदान कर रही है।
भारत सरकार ने कतर सरकार से इन अधिकारियों को रिहा करने के लिए भी कहा है।
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इन आठ भारतीय सेना के अफसरों के नाम है
इन अधिकारियों में कैप्टन नवजोत सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश शामिल हैं।
ये सभी पिछले साल अगस्त से कतर की जेल में बंद हैं।
इजरायल ने इन आरोपों से इनकार किया है।
यह एक गंभीर मामला है जो भारत और कतर के बीच संबंधों को प्रभावित कर सकता है। भारत सरकार को इस मामले को सुलझाने के लिए कतर सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए।