Truck Drivers Protest: ट्रक और बस चालकों की हड़ताल

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Truck Drivers Protest

Truck Drivers Protest: ट्रक और बस चालकों की हड़ताल ने भारत की अर्थव्यवस्था और लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है।

मोटर वाहन अधिनियम में किए गए संशोधनों के खिलाफ ट्रक और बस चालकों ने सोमवार से हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल का सबसे ज्यादा असर दस राज्यों – मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र – में देखने को मिल रहा है।

हड़ताल के कारण इन राज्यों के राजमार्गों पर ट्रकों और बसों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। बस स्टैंड भी खाली पड़े हैं। हड़ताल का जरूरी चीजों की सप्लाई पर भी असर पड़ा है। पेट्रोल, डीजल की कमी के कारण दूध, खाद्यान्न और सब्जियों जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई बाधित होने लगी है। दवाइयों की सप्लाई भी प्रभावित हुई है।

ट्रक और बस चालकों का कहना है कि नए कानून में हिट-एंड-रन के अपराध के लिए 10 साल की सजा और ₹7,00,000 का जुर्माना का प्रावधान किया गया है। उनका कहना है कि यह कानून गरीब विरोधी है। ज्यादातर ट्रक और बस ड्राइवर गरीब परिवारों से आते हैं। उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वे जुर्माना भर सकें। साथ ही, 10 साल की सजा भी बहुत ज्यादा है।

Truck Drivers Protest

हड़ताल के कारण देशभर में लोगों को परेशानी हो रही है। सरकार और ट्रक और बस चालकों के बीच बातचीत के जरिए इस विवाद का हल निकालने की कोशिश हो रही है।

यह हड़ताल एक गंभीर मुद्दे को उठाती है। सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन चालकों की चिंताओं को भी समझा जाना चाहिए। सरकार को एक ऐसा समाधान खोजना होगा जो सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करे और साथ ही चालकों की चिंताओं को भी दूर करे।

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